सारकॉइडोसिस नाम की बीमारी शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है इस बीमारी में आपके शरीर के भाग पर सूजन हो जाएगी या फिर मांस सा इकट्ठा हो जाएगा । इस बीमारी के होने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। सबसे ज्यादा सारकॉइडोसिस बीमारी का प्रभाव लसिका ,त्वचा के ऊपर ,आखों पर ,फेफड़ों के ऊपर और हड्डियों पर पड़ता है।

व्याख्या

  • यह श्लोक आयुर्वेद के ग्रन्थ चरक संहिता के चिकित्सास्थान के हिक्काश्वास चिकित्सा से लिया गया है। इसमें खाने पीने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है। इस श्लोक में कहा गया है कि`धूल और धुएं के श्वास नली में जाने से, शीतयुक्त स्थान पर रहने से ,शीतल जल से नहाने से ,अतिव्यायम ,अतिस्त्रीसेवन ,अधिक पैदल यात्रा , अधिक रुखा भोजन खाना और विषैले भोजन से शरीर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है |

संदर्भ- चरक संहिता (चिकित्सास्थान /हिक्काश्वास चिकित्सा ) चैप्टर -१७ , श्लोक -१३ ।

आइये जानते हैं इसके लक्ष्णों के बारे में:

बहुत ज्यादा खांसी

  • अगर आपको खांसी बहुत ज्यादा है और बार बार हो रही है तो ये भी एक लक्षण सारकॉइडोसिस बीमारी का हो सकता है इसके लिए आपको नजदीक में वैद्य को जाकर दिखाना चाहिए । बार बार खांसी का होना सारकॉइडोसिस के साथ साथ टीबी जैसी जानलेवा बीमारी का भी संकेत हो सकता है इसलिए जल्दी से जल्दी इसका उपचार करें ।

आखों में जलन होना

  • सारकॉइडोसिस का एक लक्षण आँखों का लाल पड़ जाना और जलन होना भी हो सकता है ।अगर आपको आँखों से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई बीमारी होती है या आपकी आखों के ऊपर लाल निशान हो गए हैं तो आपको तुरंत इसकी जाँच करवा लेनी चाहिए अगर आपको कोई लक्षण दिखता है तो तुरंत किसी चिकित्सक से परामर्श लें ।

ग्रंथियों की सोजिश

  • अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब आपकी ग्रंथियों के ऊपर सोजिश आनी शुरू हो जाती है और वहाँ पर दर्द होने लगता है तो ये भी सारकॉइडोसिस की बीमारी का संकेत है इसलिए इसको कभी नज़रअंदाज़ न करें और समय रहते इसकी अच्छे से जाँच करवा लें ताकि आप सही समय पर इसका उपचार करके इससे होने वाले हानिकारक और जानलेवा नुकसान से बच सकें। यह बीमारी कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी शरीर के अंदर ला सकती है। इसलिए समय पर इसका सही उपचार आवश्यक है ।

त्वचा के ऊपर लाल घेरे

  • अगर आपको त्वचा पर किसी भी प्रकार की बीमारी का आभास हो या फिर शरीर की त्वचा के किसी भी भाग पर लाल निशान और खुजली सी हो जाए तो उसको जल्दी से दिखा लें क्योंकि ये लक्ष्ण सारकॉइडोसिस के भी हो सकते हैं इसलिए त्वचा के इस रोग का इलाज जितनी जल्दी हो जाए आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहेगा|

हाथ ,पैर और चहरे का कमजोर हो जाना

  • ऐसा देखा गया कि अगर सारकॉइडोसिस की बीमारी दिमाग को प्रभावित करती है तो उसके हाथ ,पैर और चेहरा कमजोर पड़ने लग जाता है और इन सभी जगह पर आपको सुन्नता महसूस होने लग जाती है। इसलिए इन सभी लक्ष्णों को समझ कर समय रहते इसका इलाज शुरू करवा लें ।

माँसपेशियों और जोड़ों में पीड़ा

  • अगर आपको कभी भी जोड़ों का दर्द या माँसपेशियों में खिचांव लगता है तो उसका उपचार करवाना आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित होगा * थकान महसूस होना :--अगर आपको थोड़ा सा भागने पर या थोड़ी सी सीढ़ियां चढ़ने पर साँस फूल जाती है तो आप सारकॉइडोसिस की बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। इसके लिए आपको भरपूर मात्रा में पानी पीना होगा और अपनी दिनचर्या में व्यायाम और योग को जोड़ना होगा।अगर आपका खान पान अच्छा है और आप नियमित रूप से व्यायाम कर रहें हैं तो आपको ज़िंदगी भर कोई बीमारी नहीं लग सकती ।व्यायाम आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के साथ साथ आपकी बीमारियों से रक्षा भी करता है ।
  • सारकॉइडोसिस जैसी जानलेवा बीमारी से बचने के लिए आयुर्वेद द्वारा बताई गयी जड़ी बूटियों से तैयार करके प्लेनेट आयुर्वेदा वैद्यशाला में सारको केयर पैक बनाया है । यह पैक अच्छे से जाँच और प्रयोग करके बनाया गया है ।आइये जानते हैं कौन-कौन सी जड़ी बूटी इसके अंदर मिली है और इसके क्या क्या गुण है ।

सारको केयर पैक

  • करक्यूमिन कैप्सूल्स 2 बोतलें (120 कैप्सूल्स )
  • कांचनार गुग्गुल 2 बोतलें (240 टेबलेट्स )
  • अलेर-G केयर 2 बोतलें (120 कैप्सूल )
  • मंडूर 1 बोतल ( 120 कैप्सूल्स )

इस पैक को प्लेनेट आयुर्वेदा की वैद्यशाला में अच्छे से जाँच और परख कर बनाया जाता है। सारको केयर पैक आपके शरीर में सूजन को कम करने में सहायता करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करता है। ।इस पैक के अंदर कौन सी औषधियाँ मिली हैं आइये जानते हैं :--

1 . करक्यूमिन कैप्सूल्स :

  • यह कैप्सूल बहुत खास तरीके से प्लेनेट आयुर्वेदा की वैद्यशाला में तैयार किया जाता है इसके सेवन से आपका शरीर स्वस्थ रहता है और दिमाग भी अच्छे से काम करता है ।

सेवन करने की विधि: २ कैप्सूल इन में दो बार पानी के साथ सेवन करें

2 कांचनार गुग्गुल :

  • इस औषधि के मुख्य घटक कांचनार एवं गुग्गुल जैसी महत्वपूर्ण औषधियाँ है जो सारकॉइडोसिस जैसी बीमारी में बहुत लाभदायक है ।

सेवन करने की विधि: दो गोलियां दिन में तीन बार पानी के साथ सेवन करें।

3 अलेर-G केयर

  • यह कैप्सूल फेफड़ों की बीमारियाँ जैसे कि सूखी खांसी आदि से सुरक्षित रखता है । इस कैप्सूल के घटक हैं -- हरिद्रा , नीम , शिरीष और अश्वगंधा । इस कैप्सूल को इस तरीके से बनाया गया है कि किसी भी उम्र में इसका सेवन कर सकते हैं ।

सेवन करने की विधि: २ कैप्सूल दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करें।

4 पुनर्नवा मंडूर

  • यह कैप्सूल पुनर्नवा जैसी अन्य उपयोगी औषधियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है अगर आप इसका नियमित रूप से सेवन करते है तो आपका शरीर हर प्रकार की बीमारी से बचा रहता है। यह कैप्सूल सूजन में बहुत लाभदायक है । इसका सेवन आपके शरीर को कोई भी नुकसान नहीं पहुँचता।

सेवन करने की विधि: २ कैप्सूल दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करें।

Author's Bio: 

DR. Vikram Chauhan, MD - AYURVEDA is an expert Ayurvedic practitioner based in Chandigarh, India and doing his practice in Mohali, India. He is spreading the knowledge of Ayurveda Ancient healing treatment, not only in India but also abroad. He is the CEO and Founder of Planet Ayurveda Products, Planet Ayurveda Clinic and Krishna Herbal Company. For more info visit our website: http://www.planetayurveda.com